Thursday, August 28, 2008

मै पल दो पल का शायर हूँ फ़िल्म कभी कभी

मै पल दो पल का शायर हूँ, पल दो पल मेरी कहानी हैं

पल दो पल मेरी हस्ती है, पल दो पल मेरी जवानी हैं

मुज़ से पहले कितने शायर, आए और आकर चले गए

कुछ आहे भर कर लौट गए, कुछ नगमी गा कर चले गए

वो भी एक पल का किस्सा थे, मैं भी एक पल का किस्सा हूँ

कल तुम से जुदा हो जाऊंगा, वो आज तुम्हारा हिस्सा हूँ

कल और आयेंगे, नगमों की खिलती कलियाँ चुननेवाले

मुज़ से बेहतर कहनेवाले, तुम से बेहतर सुननेवाले

कल कोई मुज़ को याद करे, क्यो कोई मुज़ को याद करे

मसरूफ ज़माना मेरे लिए, क्यो वक्त अपना बरबाद करे

2 comments:

सागर नाहर said...

भाई

फल दो फल के शायर या पल दो पल के शायर हैं ..

vinayakam said...

Theek kardiyaa bhaayi saab ..bahut shukriyaa...