मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
अगर तूफ़ान नही आता किनारा मिल गया होता
न था मंजूर किस्मत को, न थी माजरी बहारों की
नहीं तो इस गुलिस्तान में, कमी थी क्या नजारों की
मेरी नजरों को भी कोई नजारा मिल गया होता
खुशी से अपनी आंखों को मैं अश्कों से भिगो लेता
मेरे बदले तू हस लेती, तेरे बदले मैं रो लेता
मुझे ए काश तेरा दर्द सारा मिल गया होता
मिली हैं चांदनी जिन को, ये उन की अपनी किस्मत हैं
मुझे अपने मुकद्दर से फक्त इतनी शिकायत हैं
मुझे टूटा हुआ कोई सितारा मिल गया होता
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