ओ बसन्ती, पवन पागल ना जा रे ना जा, रोको कोई
बन के पत्थर हम पड़े थे, सूनी सूनी राह में
जी उठे हम जब से तेरी बाह आयी बाह में
छीनकर नैनों से काजल ना जा रे ना जा, रोको कोई
याद कर तूने कहा था, प्यार से संसार है
हम जो हारे दिल की बाजी, ये तेरी ही हार है
सुन ले क्या कहती हैं पायल ना जा रे ना जा, रोको कोई
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