मेरी भीगी भीगी सी, पलकों पे रह गए
जैसे मेरे सपने बिखर के
जले मन तेरा भी किसी के मिलन को
अनामिका, तू भी तरसे
ताजे बीन जाने, बीन पहचाने, मैंने हृअदय से लगाया
पर मेरे प्यार के बदले में तूने, मुज़ को ये दिन दिखलाया
जैसे बिरहा की रुत मैंने काती, तड़प के आहें भर भर के
जले मन तेरा... ..
आग से नाता, नारी से रिश्ता, काहे मन समाज न पाया
मुजे क्या हुआ था, एक बेवफा पे हाय मुजे क्यो, प्यार आया
तेरी बेवफाई पे, हसे जग सारा, गली गली गुजरे जिधर से
जले मन तेरा... ..
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