मेरे घर आयी एक नन्ही परी
चांदनी के हसीं रथ पे सवार
उस के आने से मेरे आँगन में
खिल उठे फूल गुनगुनायी बहार
देख कर उस को जी नहीं भरता
चाहे देखू उसे हजार बार
मैंने पूछा उसे के कौन हैं तू
हस के बोली के मैं हूँ तेरा प्यार
मई तेरे दिल में थी हमेशा से
घर में आयी हूँ, आज पहली बार
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