Wednesday, September 10, 2008

ना जावो सैय्या छुडा के बैय्या ..फ़िल्म : साहिब बीबी और गुलाम

ना जाओ सैय्या, छुडा के बैय्या

कसम तुम्हारी मैं रो पडूँगी

मचल रहा हैं सुहाग मेरा

जो तुम ना होंगे, तो क्या करूंगी

ये बिखरी जुल्फे, ये खिलता गजरा

ये महकी चुनरी, ये मन की मदीरा

ये सब तुम्हारे लिए हैं परीतं

मई आज तुम को ना जाने दूंगी, जाने ना दूंगी

मई तुम्हारी दासी, जनम की प्यासी

तुम ही हो मेरा सिंगार परीतं

तुम्हारे रास्ते की धूल ले कर

मई मांग अपनी सदा भरुंगी, सदा भरुंगी

जो मुज़ से आखियाँ चुरा रहे हो

तो मेरी इतनी अर्ज भी सुन लो

तुम्हारे चरणों में आ गयी हूँ

यही जिऊंगी, यही मरुंगी, यही मरुंगी



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