मेरे जीवन साथी, कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुयी खिल के बहार
मस्ती नजर में कल के खुमार की
मुखडे पे लाली है, पीया तेरे प्यार की
खुशबू से तेरी तन को बसा के
लहरू डाली सी तेरे गुलज़ार की
कहा का उजाला, अभी वही रात है
गोरी गोरी बाहों पे, जैसे तेरा हाथ है
बजती हैं चूदीन तेरी धड़कन से
कानों में अबतक वही तेरी बात है
तुज को मैं सजना बिन्दीयाँ का प्यार दू
चुनरी के रंग से घर को संवार दू
जुल्फों का गजरा, नैनों का काजल
तेरे नजरानें हैं तुज पे ही वार दू
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