Thursday, September 4, 2008

मोहब्बत के राहों में चलना संभल के ..फ़िल्म :उड़न कठोला

मोहब्बत की राहों में, चलना संभाल के

यहाँ जो भी आया, गया हाथ मॉल के



ना पायी किसी ने, मोहब्बत की मंजिल

कदम डगमगाएं, ज़रा दूर चल के



हमे ढूँढती है, बहारों की दुनिया

कहा आ गए हम चमन से निकल के



कही टूट जाए ना, हसरत भरा दिल

न यूं तीर फेंको, निशाना बदल के



No comments: