ओ दुनिया के रखवाले, सुन दर्द भरे मेरे नाले
आश निराश के दो रंगों से दुनिया तू ने बनायी
नैय्या संग तूफ़ान बनाया, मिलन के साथ जुदाई
जा देख लिया हरजाई
लूट गयी मेरे प्यार की नगरी, अब तो नीर बहा ले
आग बनी सावन की बरखा, फूल बने अंगारे
नागन बन गयी रात सुहानी, पत्थर बन गए तारे
सब टूट चुके हैं सहारे
जीवन अपना वापस ले ले, जीवन देने वाले
चाँद को ढूंढें पागल सूरज शाम को ढूंढें सवेरा
मई भी ढूँढू उस परीतं को, हो ना सका जो मेरा
भगवान भला हो तेरा
किस्मत फूटी आस ना टूटी, पाँव में पड़ गए छाले
महल उदास और गलिया सूनी, चुप चुप हैं दीवारे
दिल क्या उजाडा, दुनिया उजड़ी, रूठ गयी हैं बहारे
हम जीवन कैसे गुजारे
मंदीर गिरता फ़िर बन जाता, दिल को कौन संभाले
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