ना जाने क्यो होता है, ये जिंदगी के साथ
अचानक ये मन किसी के जाने के बाद
करे फ़िर उसकी याद, छोटी छोटी सी बात
जो अनजान पल ढल गए कल
आज वो, रंग बदल बदल
मन को मचल मचल रहे हैं छल
ना जाने क्यो वो अनजान पला..
सजेंगे ना मेरे नैनों में, टूटे रे हाय रे सपनों के महल
वही हैं डगर, वही हैं सफर
है नहीं साथ मेरे मगर, अब मेरा हमसफ़र
इधर उधर ढूंढें नजर, वही हैं डगर..
कहा गयी शाम, मदभरी, वो मेरे मेरे वो दिन गए किधर
ना जाने क्यो.. .. ..
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