मेरा जीवन कोरा कागज़ कोरा ही रह गया
जो लिखा था, आसूओं के संग बह गया
एक हवा का जोंका आया, टूटा डाली से फूल
ना पवन की, ना चमन की, किस की हैं ये भूल
खो गयी खुशबू हवा में, कुछ ना रह गया
उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा ना कोई जहाँ
ना डगर है, ना ख़बर है, जाना हैं मुज़ को कहा
बन के सपना, हमसफ़र का साथ रह गया
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