ना तुम बेवफा हो, ना हम बेवफा हैं
मगर क्या करे, अपनी राहे जुदा है
जहा ठण्डी ठण्डी हवा चल रही है
किसी की मोहब्बत वहा जल रही है
जमी आसमान हम से दोनों खफा है
अभी कल तलक तो मोहब्बत जवान थी
मिलन ही मिलन था, जुदाई कहा थी
मगर आज दोनों ही बेआसरा है
ज़माना कहे मेरी राहों में आ जा
मोहब्बत कहे मेरी बाहों में आ जा
वो समजे ना मजबूरीयाँ अपनी क्या है
2 comments:
आपके भाव बहुत सुंदर हैं .....लाजवाब लिखा है....
Thank u maam
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