Friday, June 13, 2008

गुमनाम है कोई ...

गुमनाम हैं कोई, बदनाम हैं कोई

किस को ख़बर कौन हैं वो, अनजान हैं कोई


किसको समाजे हम अपना,

कल का नाम हैं एक सपना

आज अगर तुम जिंदा हो,

टू कल के लिए .....

टू कल के लिए माला जपना



पल दो पल की मस्ती हैं,

बस दो दिन की बस्ती हैं

चैन यहाँ पर महंगा हैं,

मौत यहाँ

और मौत यहाँ पर सस्ती हैं


कौन बला तूफानी हैं,

मौत को ख़ुद हैरानी हैं

आए सदा वीरानों से,

जो पैदा हुआ वो पानी हैं

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