Thursday, June 19, 2008

आ लगजा गले दिलरुबा

आ लग जा गले दिलरुबा(२)

कहाँ रूठ के चली ओ गुलाब की कलि

तेरे कदमो में दिल है मेरा आ आ आ


लग जा गले दिलरुबा

ओ शोला-बदन ओ जोह्राजाबी

तुम गुस्से में लगती हो और हसीं

बैठा हूँ जिगर को थामे हुए

मुझपे न गिरे ये बिजली कहीं

इतना न सितम करना

कुछ नज़रें करम करना

देखिये दिल है नाज़ुक मेरा आया

लग जा गले दिलरुबा

आ लग जा गले दिलरुबा

कहाँ रूठ के चली ओ गुलाब की कलि

तेरे कदमो में दिल है मेरा अआया

लग जा गले दिलरुबा

इथ्राते न चल बलखाते न चल(२)

आँचल को हवा में उड़ते चल(२)

बन जाएगा कोई अफसाना

दिल को मेरे तड़पते न चल

क्या कहने नजाकत के

सामन है क़यामत के

मैं तो पहली नज़र में लुटा आया

लग जा गले दिलरुबा

आ लग जा गले दिलरुबा

कहाँ रूठ के चली ओ गुलाब की कलि

तेरे कदमो में दिल है मेरा अआया

लग जा गले दिलरुबा

न इश्क हमें है दुनिया से

न प्यार हमें है दौलत से

हमको तो मोहब्बत है जालिम

तेरी भोली भली सूरत से

पलकों पे बिठा लूँगा

सीने में छुपा लूँगा

मैं हूँ कबसे दीवाना तेरा आया

लग जा गले दिलरुबा

आ लग जा गले दिलरुबा

कहाँ रूठ के चली ओ गुलाब की कलि

तेरे कदमो में दिल है मेरा अआया

लग जा गले दिलरुबा

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