Sunday, June 29, 2008

हाँ मैंने भी प्यार किया ...

हां, मैंने भी प्यार किया, प्यार से कब इनकार किया

भीगी भीगी राते, मीठी मीठी बातें,

और मैंने दिल को निसार किया

प्यार किया कलियों के महकते अंगों से

प्यार किया मैंने गुल के गुलाबी गालों से

प्यार किया नर्गिस की नशीली आखों से

प्यार किया बदली की रंगीली जुल्फों से

खुली चांदनी में मैंने आभिसार किया

थाम लिया, सीने पे उछलती लहरों को

जूम उठा, बाहों में पकड़ तूफानों को

चूम लिया, बिजली के मचलते होंठों को

लूट लिया मैंने, मस्त उभरती बहारों को

रात की दुल्हन का मैंने सिंगार किया

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