है प्रीत जहा की रीत सदा, मैं गीत वहा के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ
काले गोरे का भेद नही, हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और ना आता हो हम को, हमे प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया, मैं बात वही दोहराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ
जीते हो किसी ने देश तो क्या, हम ने तो दिलों को जीता है
जहा राम अभी तक हैं नर में, नारी में अभी तक सीता है
कितने पावन हैं लोग जहा, मैं नित नित शीश जूकाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ
इतनी ममता नदियों को भी, जहा माता कह के बुलाते है
इतना आदर इंसान तो क्या, पत्थर भी पूजे जाते है
उस धरती पे मैंने जनम लिया, ये सोच के मैं इतराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ
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