उस ज़माना की युगल गीत
रफी: ओ आजा पंछी अकेला है
आशा: ओ सो जा निंदिया की बेला है -२
रफी: ओ आजा पंछी अकेला है
रफी: उड़ गई नींद यहाँ मेरे नैन से
आशा: बस करो यूँही पड़े रहो चैन से २
रफी: लागे रे डर मोहे लागे रे
आशा: ओ ये क्या डराने की बेला है
रफी: ओ आजा...
रफी: ओहो कितनी घुटी सी है ये फिजा
आशा: आहा कितनी सुहानी है ये हवा
रफी: मर गए हम निकला दम मर गए हम
आशा: मौसम कितना अलबेला है
रा: ओ आजा...
रफी: बिन तेरे कैसी अँधेरी ये रात है
आशा: दिल मेरा धड़कन मेरी तेरे साथ है
रफी: तनहा है फिर भी दिल तनहा है
आशा: लागा सपनों का मेला है
रफी: ओ आजा...
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