हाँ दीवाना हूँ में - २
गम का मारा हुआ
इक बेगाना हूँ में
हाँ दीवाना हूँ में
मांगी खुशियाँ मगर गम मिला प्यार में
दर्द ही भर दिया दिल के हर तार में
आज कोई नहीं मेरा संसार में
छोड़ कर चल दिए मुझको मझधार में
हाय तीर-ऐ-नज़र का निशाना हूँ में
हाँ दीवाना हूँ में ...
में किसीका नहीं कोई मेरा नहीं
इस जहाँ में कहीं भी बसेरा नहीं
मेरे दिल का कहीं भी अँधेरा नहीं
मेरे इस शाम का है सवेरा नहीं
हाय भुला हुआ इक फ़साना हूँ में
हाँ दीवाना हूँ में ...
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