गीत गाता हूँ मैं, गुनागुनातू हूँ मैं
मैंने हँसाने का वादा किया था कभी
इसलिए अब सदा मुस्कुराता हूँ मैं
ये मोहब्बत के पल कितने अनमोल हैं
कितने फूलों से नाजुक मेरे बोल हैं
सब को फूलों की माला पहनाता हूँ मैं
मुस्कुराता हूँ मैं ...
रोशनी होगी इतनी किसे थी ख़बर
मेरे मन का ये दर्पण गया हैं निखर
साथ हैं अब ये दर्पण दिखाता हूँ मैं
मुस्कुराता हूँ मैं ...
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