Monday, June 30, 2008

हम से आया ना गया

हम से आया ना गया, तुम से बुलाया ना गया

फासला प्यार में दोनों से मिटाया ना गया



वो घड़ी याद है, जब तुम से मुलाक़ात हुयी

एक इशारा हुआ, दो हाथ बढे, बात हुयी

देखते, देखते दिन ढल गया और रात हुयी

वो समा आज तलक दिल से भूलाया ना गया



क्या ख़बर थी, के मिले हैं तो बिछादाने के लिए

किस्मते अपनी बनायी है, बिगड़ने के लिए

प्यार का ख्वाब सजाया था, उजड़ने के लिए

इस तरह उजाडा के फ़िर हम से बसाया ना गया


याद रह जाती हैं और वक्त गुजर जाता है

फूल खिलता ही है, और खिल के बिखर जाता है

सब चले जाते है, कब दर्द-ये-जिगर जाता है

दाग जो तू ने दिया, दिल से मिटाया ना गया

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