Friday, June 20, 2008

आज की रात ऐ कैसी रात

आज की रात यह कैसी रात

के हमको नींद नहीं आती

मेरी जान आओ बैठो पास

के हमको नींद नहीं आती

आज की रात

ए यह आज तुम्हे क्या हो गया है

उफ्फ्फ तो अपने दिल को सम्जाओ न

मचल उठा यह दिल नादाँ बड़ा जिद्दी बड़ी मुशिकल


खुदा को भी मनालू में मगर मने न रूठा दिल

तुम्ही देखो करो कोई बात के हमको नींद नहीं आती

मेरी जान आओ बैठो पास के हमको नींद नहीं आती

आज की रात

सुनो मेरी एक बात मानोगे?

मानोगे न!

तुम्हे अंधेरे में नींद नहीं आती तो..

तो मैं रौशनी किए देती हूँ

अँधेरा है तो रहने दो मुज्जसिम चांदनी हो तुम

लज्जाये रौशनी तुमसे के ऐसी रौशनी हो तुम

न सीने से हटाओ हाथ के हमको नींद नहीं आती

मेरी जान आओ बैठो पास के हमको नींद नहीं आती

आज की रात

हे हे हे हे हे हे हे हे

मरूंगी हा!!

मिले हो दिल छिदा हो जब कोई रंगी अफसाना

सुलाने मौत भी आयेह तो में कह्दुन्गा फिर आना

अभी तो तुम हो मेरे साथ के हमको नींद नहीं आती

मेरी जान आओ बैठो पास के हमको नींद नहीं आती

आज की रात यह कैसी रात के हमको नींद नहीं आती

मेरी जान आओ बैठो पास के हमको नींद नहीं आती

हम्म हम्म हम्म

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