जाने वो कैसे लोग थे, जिन के प्यार को प्यार मिला
हम ने तो जब कलियाँ माँगी, काटों का हार मिला
खुशियों की मंजिल ढूंढी तो गम की गर्द मिली
चाहत के नगमी चाहे तो आहे सर्द मिली
दिल के बोज़ को दुगना कर गया, जो गम हार मिला
बिछड़ गया हर साथी दे कर, पल दो पल का साथ
किस को फुरसत हैं जो थामी दिवानो का हाथ
हम को अपना साया तक अक्सर बेजार मिला
इस को ही जीना कहते हैं तो, यूं ही जी लेंगे
उफ़ ना करेंगे, लैब सी लेंगे, आंसू पी लेंगे
गम से अब घबराना कैसा, गम सौ बार मिला
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