हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के, गाते रहे है, गाते रहेंगे
हम तुम जग में जीवन साथी बन के, आते रहे है, आते रहेंगे
जब जब हम ने जीवन पाया, जब जब ये रूप सज सजना
हर बार तुम ही ने मांग भरी, तुम ने ही पहनाये कंगना
हम फूल बने या राख हुए, पर साथ नहीं छूटा अपना
हर बार तुम ही तुम आन बसे, इस आंखों में बन के सपना
सावन में जब कभी भी, ये बादल गगन पर छाये
बिजली से डर गए तुम डर कर करीब आए
फ़िर क्या हुआ बताओ, बरसात थम ना जाए
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