जब दीप जले आना, जब शाम ढले आना
संकेत मिलन का भूल ना जाना
मेरा प्यार ना बिसराना
मई पलकन डगर बुहारुन्गा,तेरी राह निहारूंगा
मेरी प्रीत का काजल तुम अपने नैनो में मेल आना
जहा पहली बार मिले थे हम जिस जगह से संग चले थे हम
नदिया के किनारे, आज उसी अंबुवा के टेल आना
नित सांज सवेरे मिलते है, उन्हें देख के तारे खिलते हैं
लेते हैं विदा एक दूजे से, कहते हैं चले आना
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