Thursday, July 17, 2008

जाग दिल ऐ दीवाना ..:फ़िल्म :: ऊंचे लोग

जाग दिला-ये-दीवाना, रुत जागी वासला-ये-यार की

बसी हुयी जुल्फ में आयी हैं सूबा प्यार की

दो दिल के कुछ ले के पयाम आयी हैं

चाहत के कुछ ले के सलाम आयी हैं

सर पे तेरे सुबह खादी हुयी हैं दीदार की

एक परी कुछ शाद सी, नाशाद सी

बैठी हुयी शबनम में तेरी याद की

भीग रही होगी कही, कली सी गुलज़ार की

आ मेरे दिल अब ख़्वाबों से मुंह मोड़ ले

बीती हुयी सब रातें यहीं छोड़ दे

तेरे तो दिनरात हैं अब आंखों में दिलदार की

No comments: