Tuesday, July 22, 2008

जिंदगी के सफर में .......फ़िल्म : आप की खसम

जिंदगी के सफर में, गुजर जाते हैं जो मकाम

वो फ़िर नहीं आते, वो फ़िर नहीं आते

फुल खिलते है, लोग मिलते हैं मगर

पताजाद में जो फूल मुरज़ा जाते हैं

वो बहारों के आने से खिलते नहीं

कुछ लोग एक रोज जो बिछड़ जाते हैं

वो हजारों के आने से मिलते नहीं

उमरभर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम

वो फ़िर नहीं आते ...

आँख धोखा है, क्या भरोसा है, सुनो

दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन हैं

अपने दिल में इसे घर बनाने ना दो

कल तड़पना पड़े याद में जिन के

रोक लो, रुठाकर उन को जाने ना दो

बाद में प्यार के, चाहे भेजो हजारो सलाम

वो फ़िर नहीं आते ...

सुबह आती है, रात जाती है, यूंही

वक्त चलता ही रहता है, रुकता नहीं

एक पल में ये आगे निकल जाता हैं

आदमी ठीक से देख पाटा नहीं

और परेड पे मंजर बदल जाता हैं

एक बार चले जाते है, जो दिन रात सुबह, शाम

वो फ़िर नहीं आते ...

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