जिंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
एक अनजान मुसाफिर से मुलाक़ात की रात
हाय जिस रात मेरे दिल ने धड़कना सिखा
शौख जजबात ने सीने में भड़काना सिखा
मेरी तकदीर से निकली वही, सदमात की रात
दिल ने जब प्यार के रंगीन फ़साने छेदे
आंखों आखों में वफाओं के तराने छेदे
सोग में डूब गयी आज वो, नगमात की रात
रुठानेवाली मेरी बात से मायूस ना हो
बहके बहके से खयालात से मायूस ना हो
खंत होगी ना कभी तेरे मेरे, साथ की रात
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