Friday, July 11, 2008

इतना न मुझ से तू प्यार बड़ा ...फ़िल्म : छाया

इतना ना मुज़ से तू प्यार बढ़ा,

के मैं एक बादल आवारा

कैसे किसी का सहारा बनू,

के मैं ख़ुद बेघर बेचारा



अरमां था गुलशन पर बरसू,

एक शौख के दामन पर बरसू

अफसोस यही मिट्टी पे मुजे

की तकदीर ने मेरी दे मारा



मदहोश हमेशा रहता हूँ,

खामोश हूँ कब कुछ कहता हूँ

कोई क्या जाने मेरे सीने में है,

बिजली का भी अंगारा

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