Tuesday, July 29, 2008

कही दूर जब दिन डल जाए ....फ़िल्म : आनंद

कही दूर जब दिन ढल जाए,

सांज की दुल्हन बदन चुराए

चुपके से आए

मेरे ख्यालों के आँगन में,

कोई सपनों के दीप जलाए

कभी यूं ही जब हुयी बोज़ल साँसे

भर आयी बैठे बैठे जब यूं ही आँखे

तभी मचल के, प्यार से चल के

छूए कोई मुजे पर नजर ना आए,

नजर ना आए

कही तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते

कही पे निकल आए जन्मों के नाते

है मीठी उलज़ं बैरी अपना मन

अपना ही हो के सहे दर्द पराये,

दर्द पराये

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