जाना-ये-मन जाना-ये-मन तेरे दो नयन
चोरी चोरी लेके गए देखो मेरा मन
मेरे दो नयन चोर नही सजन
तुम से ही खोया होगा, कही तुम्हारा मन
तोड़ दे दिलों की दूरी, एसी क्या हैं मजबूरी, दिल दिल से मिलाने दे
अभी तो हुयी हैं यारी, अभी से ये बेकरारी, दिन तो ज़रा ढलने दे
यही सुनते, समजाते, गुजर गए जाने कितने ही सावन
संग संग चले मेरे, मारे आगे पीछे फेरे, समजू मैं तेरे इरादे
दोष तेरा हैं ये तो हर दिन जब देखो करती हो जूठे वादे
तू ना जाने दीवाने, दिखाऊ कैसे तुजे मैं ये दिल की लगन
छेदेंगे कभी ना तुम्हें, ज़रा बतला दो हमे, कबतक हम तरसेंगे
एसे घबराओ नहीं, कभी तो कही ना कही, बादल ये बरसेंगे
क्या करेंगे बरस के, की जब मुरजायेगा ये सारा चमन
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