हमने तुज़को प्यार किया हैं जितना,
कौन करेगा इतना ?
तू ही तू हैं इन आंखों में और नहीं कोई दूजा
तुज को चाहा, तुज को सराहा, और तुजे ही पूजा
तेरे डर को मान की मंदीर, जूकते रहे हम जितना
कौन जूकेगा इतना ?
तेरे जैसा साथी जिसमी तेरे जैसा दिल हैं
लाख बुरी हो दुनिया फ़िर भी जीने के काबिल हैं
तेरे संग जीने के खातिर मिटते रहे हम जितना
कौन मिटेगा इतना ?
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