जलाते हैं जिस के लिए, तेरी आखों के दिए
ढूंढ लाया हूँ वही, गीत मैं तेरे लिए
दर्द बन के जो मेरे दिल में रहा ढल ना सका
जादू बन के तेरी आंखों में रुका चल ना सका
आज लाया हूँ वही गीत मैं तेरे लिए
दिल में रख लेना इसे हाथों से ये छूटे ना कही
गीत नाजुक हैं मेरा शीशे से भी टूटे ना कही
गुनगुनाऊंगा यही गीत मैं तेरे लिए
जब तलक ना ये तेरे रस के भरे होंठों से मिले
यूँही आवारा फिरेगा ये तेरी जुल्फों के टेल
गाये जाऊंगा यही गीत मैं तेरे लिए
1 comment:
Hi vinayakam,
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Sri
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