Tuesday, July 29, 2008

कहीं दीप जले कहीं दिल ...फ़िल्म : बीस साल बाद

कही दीप जले कही दिल

ज़रा देख ले आ कर परवाने

तेरी कौनसी हैं मंजिल

मेरा गीत मेरे दिल की पुकार है

जहा मैं हूँ वही तेरा प्यार है

मेरा दिल हैं तेरी महफील

ना मैं सपना हूँ ना कोई राज हूँ

एक दर्द भरी आवाज हूँ

पीया देर ना कर आ मिल

दुश्मन हैं हजारो यहाँ जान के

ज़रा मिलना नजर पहचान के

कई रूप में हैं कातिल

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