Tuesday, July 29, 2008

कभी न कभी कही न कहीं ..फ़िल्म :शराबी

कभी ना कभी, कहीं ना कहीं, कोई ना कोई तो आयेगा

अपना मुजे बनाएगा, दिल में मुजे बसायेगा

कब से तन्हा घूम रहा हूँ, दुनिया के वीराने में

खाली जाम लिए बैठा हूँ कब से इस मयखाने में

कोई तो होगा मेरा साकी, कोई तो प्यास बुजायेगा



किसी ने मेरा दिल ना देखा, ना दिल का पैगाम सूना

मुज़ को बस आवारा समजा, जिस ने मेरा नाम सूना

अब तक तो सब ने ठुकराया, कोई तो पास बिठाएगा



कभी तो देगा सन्नाटे में, प्यार भरी आवाज कोई

कौन ये जाने कब मिल जाए रस्ते में हमराज कोई

मेरे दिल का दर्द समज़कर दो आंसू तो बहायेगा

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