Thursday, July 17, 2008

जब चली ठंडी हवा .......फ़िल्म : दो बदन

जब चली ठण्डी हवा, जब उठी काली घटा

मुज़ को ए जाना-ये-वफ़ा तुम याद आए

जिंदगी की दास्तान, चाहे कितनी हो हँसी

बीन तुम्हारे कुछ नही

क्या मजा आता सनम आज भूले से कही

तुम भी आ जाते यही

ये बहारे ये फिजा, देखकर ओ दिलरुबा

जाने क्या दिल को हुआ, तुम याद आए

ये नजारे ये समा और फ़िर इतने जवान

हाय रे ये मस्तीया

एसा लगता हैं मुजे, जैसे तुम नजदीक हो

इस चमन से जाना-ये-जान

सुन के पी पी की सदा, दिल धड़कता हैं मेरा

आज पहले से सिवा, तुम याद आए

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