हवाओं पे लिख दो, हवाओं के नाम
हम अनजान परदेसियों का सलाम
ये किस के लिए है, बता किस के नाम
ओ पंछी तेरा ये सुरीला सलाम
शाख पर जब धुप आयी, हाथ छू ने के लिए
छाँव छम से नीचे कूदी, हस के बोली आईये
यहाँ सुबह से खेला करती हैं शाम
चुलबुला ये पानी अपनी राह बहना भूलकर
लेते लेते आईना चमका रहा हैं फूलापर
ये भोले से चहरे हैं मासूम नाम
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