हम बेखुदी में तुम को पुकारे चले गए
सागर में जिंदगी को उतारे चले गए
देखा किए तुम्हे हम बन के दीवाना
उतारा जो नशा तो, हमने ये जाना
सारे वो जिंदगी के सहारे चले गए
तुम तो ना कहो हम ख़ुद ही से खेले
डूबे नहीं हम ही यूं, नशे में अकेले
शीशे में आप को भी उतारे चले गए
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