Thursday, July 17, 2008

जहाँ मई जाती हूँ वाही चले आते हो ...;फ़िल्म: चोरी चोरी

जहा मैं जाती हूँ, वही चले आते हो

चोरी चोरी मेरे दिल में समाते हो

ये तो बताओ के तुम मेरे कौन हो?

दिल की दिल से लगन की ये बात है

प्यार की राह, रसम की ये बात है

हम से ना पूछो के तुम मेरे कौन हो

मई तो शोर मचाऊँगी

करनी तुम्हारी सब को बताऊंगी

खैर जो चाहो, चले जाओ मेरे डर से

छोडो ये आना जाना, दिल की डगर से

मैंने क्या बुरा किया है

दिल दे कर ही, दिल ले लिया है

किसी बड़े ज्ञानी जानी को बुलाओ

अभी अभी यहाँ फैसला कराओ

दिल ही जब हुए दीवाने

कहना हमारा अब कौन माने

जहा मैं जाती हूँ.. .. ..

2 comments:

राज भाटिय़ा said...

बहुत खुब,धन्यवाद इस गीत के लिये

vinayakam said...

Thank you sir...